मैंने तेरे लिए
मैंने तेरे लिए, सिर्फ तेरे लिए,
तेरी तारीफ़ में, बंदगी के लिए।
गाया …. प्रेम गीत – 2।
तू मेरा प्यार है, तू मेरी आरज़ू,
तू मेरा चैन है, तू मेरी जुस्तजू।
येशु …… ऐ मसीह…
तूने मुझको अपना बनाया,
तूने मुझको जीना सिखाया – 2।
ऐसी ही रहूंगी मैं हरदम,
जैसा तूने मुझको बनाया।
मैं जहाँ भी रहूं, बस तेरी याद में,
मेरा मन तो सदा तेरी फ़रियाद में।
येशु …… ऐ मसीह…
दिल ये चाहे, गाती रहूं मैं,
गीतों के फूल सजाती रहूं मैं।
तेरे ही सुर में, तेरी लय में।
दुनिया को अपना बनाती रहूं मैं।
इस जहाँ में सदा, तेरा नाम रहे,
हर नज़र देखे, हर ज़ुबान ये कहे।
येशु….. ऐ मसीह।
