जीवन जल का सोता तू

जीवन जल का सोता तू

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जीवन जल का सोता तू, बेहता जाता है

निर्जल भूमि पर, मेह बरसाता है

हालेलुयाह, हालेलुयाह

हालेलु, हालेलु, हालेलुयाह

प्यासों को तूने पास बुलाया

बनके चट्टान तूने पानी पिलाया

पीकर के तुझसे वो प्यासे ना होंगे कभी