देने को कुछ

देने को कुछ

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देने को कुछ भी नहीं
मेरा तो है कुछ नहीं

आया हूँ लेकर खाली हाथ,
देता हूँ खुद को मैं आज
करूँ: में आराधना, आराधना

सब कुछ तो तेरा ही है,
मेरा तो है कुछ नहीं जो
कुछ है सब है तेरा ही नाम,
करता हूँ मैं खुद को कुर्बान,
करूँ में आराधना…

साँसें जो तूने दी है,
धड़कने तूने दी हैं,
घुटनों पर मैं गिर कर कहूँ,
तेरे बिन में ना जी सकूँ।
करूँ में आराधना…

सिर मेरा झुकता हुआ,
खुद को में देता हुआ,
मुँह के बल मैं गिर कर
आज,कहता हूँ यह ही प्रभु।
करूँ मैं आराधना…