जीऊंगा

जीऊंगा

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जीऊंगा तेरे लिए
हर गम भूलाकर स्तुति गाऊंगा
अपनी सूली उठाकर हर दिन
आनंद से मैं चलता रहूंगा

तेरी कृपा काफी है ,
तेरी करुणा काफी है
मेरी निर्बलता में ,
मेरी शक्ति है।
मेरी कमजोरी में ,
मेरी ताकत है।

दयालु तू , कृपालु तू
मेरे जीवन का दाता भी तू
पेहला तू , आखरी तू
मेरे जीवन का श्रोता है तू
(2)

तेरी कृपा काफी है ,
तेरी करुणा काफी है
मेरी निर्बलता में ,
मेरी शक्ति है।
मेरी कमजोरी में ,
मेरी ताकत है।

सहारा तू , भरोसा तू
मेरे छिपने की जगह है तू
स्वामी तू ज़िंदगी तू
मेरे जीने की आशा है तू
(2)

तेरी कृपा काफी है ,
तेरी करुणा काफी है
मेरी निर्बलता में ,
मेरी शक्ति है।
मेरी कमजोरी में ,
मेरी ताकत है।