चाहुँ बदलना

चाहुँ बदलना

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चाहुँ बदलना , बदलना खुद को
खुद से न मैं ये कर पाऊं
येशु तू आजा मुझको बदल दे
रूह से तू अपने भर दे

कोशिशें की बार बार , पर मैं हारता रहा
अब हूँ सौंपता खुद को ,तेरे हाथों में खुदा
अपना बैटा बना , और अपनी राहों पर चला
तेरी मर्ज़ी मुझमें हो , मैं यहां

हूँ मैं हाज़िर , तेरे सामने खुदा
हूँ मैं हाज़िर , लेके क़ुर्बानियां
हूँ मैं हाज़िर , अब मैं यहां पे
हूँ मैं हाज़िर , सुन ले दुआ

Verse 2
कमज़ोर हूँ , लाचार हूँ , गिरता मैं बार बार हूँ
निर्बलता में अपनी , तुझ ही को चाहूँ
अब छोढ़ के हालातों को , और तोड़ के सलाखों को
आया हूँ तेरे हाथ , ही को थमने

मरने के बाद तेरा शुक्र कैसे करूँगा
कब्र में रहकर तेरी हम्द न कर सकूंगा
अब जो ज़िंदा हूँ दर पे तेरे आया हूँ
अपना नहीं , तेरा होके जीना चाहता हूँ