 
            आग में एक और है
 
                                                    गम में दिल को फजल मिला है
बंद राहों में खुली एक राह नई
देखूं जब फांसले अभी
मेरा अतीत और जहाँ हूँ अभी
जानू मैं फिर अकेला रहूँगा नहीं
आग में एक और था
संग मेरे खड़ा
जिसने गहरे पानियों में
समुन्दर रोक रखा
भूल जाऊं गर कभी मैं
आझाद कैसे हुआ
सूली पर मेरे गुनाह
लेकर एक और मरा
आग में एक और था
मेरा कर्ज डूबा समुन्द्र के निचे
मैं तो पाप का गुलाम रहा अब नहीं
गिरू मैं जो कभी किसी सेहलाब में बचू या नहीं
तो भी दुनिया के आगे झुकू गा नहीं
जानूं मैं की अकेला रहूँगा नहीं
आग में एक और है
संग मेरे खड़ा
जिसने गहरे पानियों में
समुन्दर रोक रखा
भूल जाऊं गर वह सामर्थ
जिसने किया आझाद
वही मृत्युंजय की शक्ति
मेरे सीने में यहाँ
आग में एक और है
आग में एक और है
दिखे रोशनी अँधेरे में अँधेरा झुके यहाँ
स्वर्ग गूंज उठे और करीब आये
मिटे हर फांसला ये जमीं कापे
पैरों तल tale सलाखें अब टूटे
तेरे मेरे बिच में राह सिर्फ जीत हैं
कोई नाम नहीं है येशु जैसा
वही है जो बना रहेगा सर्वदा
फिर चाहे कोई मेरे साथ न रहे है यकीन मुझे
जानूं मैं की अकेला रहूँगा नहीं
आग में एक और होगा
संग मेरे खड़ा
जो गहरे पानियों में
समुन्दर रोकेगा
भूल जाऊं गर कभी मैं
तू कितना भला है
संघर्ष में ख़ुशी पाऊं
तू रहेगा वहां
आग में एक और है
आग में एक और है
आग में एक और

 
                                            