भारत के महापुरूष तथा उनकी जीवनी - 2
छत्रपति शिवाजी महाराज
छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले (1630-1680) भारत के राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया। सन 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और छत्रपति बने। शिवाजी ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों की सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किये तथा छापामार युद्ध (Gorilla War) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में बहुत से लोगों ने शिवाजी के जीवनचरित से प्रेरणा लेकर भारत की स्वतन्त्रता के लिये अपना तन, मन धन न्यौछावर कर दिया। आज उनकि राजनिती कि तर्ज पर नेपाल व भारत में शिवसेना नाम का राजनैतिक पक्ष चला आ रहा है।
श्री गुरु गोविन्द सिंह
गुरु गोविंद सिंह सिख समुदाय के दसवें गुरु माने जाते हैं। जूलियन कैलेंडर के अनुसार 22 दिसंबर 1666 को पटना, बिहार में सतगुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था। खालसा पंथ की स्थापना करने वाले गुरु गोविंद का जन्म गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के यहां हुआ था। पटना साहिब (जन्म स्थल), आनंदपुर साहिब (गुरुद्वारा केशगढ़) आदि स्थानों पर गुरु गोविंद सिंह जयंती बेहद धूमधाम से मनाई जाती है। 1699 में बैसाखी के दिन ही उन्होनें खालसा पंथ की स्थापना की थी, सिखों के लिए ये महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त और अध्यात्मिक नेता माने जाते थे। गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की रचना को पूरा किया था। इसी के बाद उन्हें गुरु रुप में सुशोभित किया गया। गुरु गोविंद साहिब ने 17 वीं शताब्दी में शिक्षा देते हुए कई ऐसी बातें बताई जो आज भी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था. उनका जन्मदिन हर साल युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है.
स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मठ, रामकृष्ण मिशन और वेदांत सोसाइटी की नींव रखी. 1893 में अमेरिका के शिकागो में हुए विश्व धार्मिक सम्मेलन में उन्होंने भारत और हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व किया था. हिंदुत्व को लेकर उन्होंने जो व्याख्या दुनिया के सामने रखी, उसकी वजह से इस धर्म को लेकर काफी आकर्षण बढ़ा. वे औपनिवेशक भारत में हिंदुत्व के पुन: उद्धार और राष्ट्रीयता की भावना जागृत करने के लिए जाने जाते हैं.
रविन्द्र नाथ टैगोर
इनका जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता के जोड़ासाँको ठाकुरबाड़ी में हुआ इनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ ठाकुर और शारदा देवी था
वे एकमात्र कवि थे जिनकी दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं – भारत का राष्ट्र-गान “जन गण मन” और बाँग्लादेश का राष्ट्रीय गान “आमार सोनार” उनकी प्रमुख प्रकाशित कृतियों में – गीतांजली, गीताली, गीतिमाल्य, कथा ओ कहानी, शिशु, शिशु भोलानाथ, कणिका, क्षणिका, खेया आदि प्रमुख हैं उन्होंने कुछ पुस्तकों का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया गया था रविन्द्र नाथ टैगोर ने ही गान्धीजी को सबसे पहली बार महात्मा कहकर पुकारा था भारत के राष्ट्रगान के रचयिता रबीन्द्रनाथ ठाकुर जी की मृत्यु 7 अगस्त, 1941 को कलकत्ता में हुई थी
टैगोर जी को उनकी रचना गीतांजलि (Gitanjali) के लिए वर्ष 1913 में नोबेल पुरूस्कार प्रदान किया गया था रविन्द्र नाथ टैगोर एशिया के प्रथम ऐसे व्यक्ति थे जिन्हे साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया रवीन्द्रनाथ ठाकुर 1878 से लेकर 1930 के बीच सात बार इंग्लैंड गए सन 1915 में अंग्रेजो द्वारा टैगोर जी को ‘सर’ की उपाधि दी गई थी लेकिन अप्रैल 1919 में हुऐ जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ के बाद रविन्द्र नाथ टैगोर ने अंग्रेज सरकार द्वारा प्रदान की गई ‘सर’ की उपाधि का त्याग कर दिया था
महात्मा गांधी
महात्मा गांधी को ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का नेता और 'राष्ट्रपिता' माना जाता है। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था। मोहनदास की माता का नाम पुतलीबाई था जो करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थीं। मोहनदास अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे।
बाल गंगाधर तिलक
जन्म: 23 जुलाई 1856, रत्नागिरी, महाराष्ट्र, मृत्यु: 1 अगस्त 1920,
उपलब्धियां– बाल गंगाधर तिलक को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का जनक माना जाता है| वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे| वह एक समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रीय नेता के साथ-साथ भारतीय इतिहास, संस्कृत, हिन्दू धर्म, गणित और खगोल विज्ञानं जैसे विषयों के विद्वान भी थे| बाल गंगाधर तिलक ‘लोकमान्य’ के नाम से भी जाने जाते थे| स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनके नारे ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे ले कर रहूँगा’ ने लाखों भारतियों को प्रेरित किया|
सुभाष चंद्र बोस
जन्म: 23 जनवरी 1897, मृत्यु: 18 अगस्त 1945
उपलब्धियां– सुभाष चन्द्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा’ और ‘जय हिन्द’ जैसे प्रसिद्द नारे दिए, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास की, 1938 और 1939 में कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए, 1939 में फॉरवर्ड ब्लाक का गठन किया, अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए ‘आजाद हिन्द फ़ौज’ की स्थापना की
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर
जन्म: 14 अप्रैल, 1891 निधन: 6 दिसंबर, 1956
उपलब्धियां: स्वतंत्र भारत के संविधान की रचना करने के लिए संविधान सभा द्वारा गठित ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष चुने गए, भारत के प्रथम कानून मंत्री, 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया
