 
            और सब ने छोड़ दिया
 
                                                    मेरा एक
मेरा एक ही मित्र यीशु ,
वो मेरा सब कुछ है
लाखों में वो मेरा एक ही प्रिय है
वो शारोन का गुलाब है ,
और भोर का तारा है
लाखों में वो मेरा एक ही प्रिय है
उसके दुःख से मुझको शांति
और आनंद मिलता है
उसका क्रूस मुझको चंगा करता है
वो शारोन का गुलाब है
और भोर का तारा है
लाखों में वो मेरा एक ही प्रिय है
मेरा सारा बोझ उठाया ,
मुझे चंगा कर दिया
पावों को मेरे स्थिर किया है
जब अकेला था भटकता
यीशु मेरा प्यारा मित्र बन गया
उसके दुःख से........
अब मैं जीवन भर उसी की ,
महिमा करूंगा
हाथ उठा के उसकी स्तुति करूंगा
यीशु के लिये जीऊँगा और उसमें मरूँगा
अब वही मेरी एक मात्र आशा है
उसके दुःख से........

 
                                            