सुबह और शाम
सुबह और शाम, प्रभु, तेरी ही महिमा गाऊँ,
तेरे प्रेम के गीत, हर पल मैं गुनगुनाऊँ।
(अंतरा 1)
जब सूरज निकले, जब चाँद खिले,
तेरी ही महिमा से जग ये सजे।
तेरी दया हर सांस में है,
तेरा प्रेम हर राह में है।
🌿 (मुख्य पंक्ति दोहराएँ)
सुबह और शाम, प्रभु, तेरी ही महिमा गाऊँ...
(अंतरा 2)
तूने रचाया ये सुंदर जहान,
तेरी है कृपा, तेरा एहसान।
तू ही है आधार, तू ही सहारा,
तेरे बिना ये जीवन है अधूरा।
🌿 (मुख्य पंक्ति दोहराएँ)
सुबह और शाम, प्रभु, तेरी ही महिमा गाऊँ...
