संग्रहणी
कच्चे अनार के रस में माजूफल, लौंग और सोंठ को घिसकर शहद के साथ पीना चाहिए। यदि अनार न मिले तो अनार की छाल को घिसकर पिलाना चाहिए। इससे संग्रहणी नष्ट हो जाती है।
अनार के 50 मिलीलीटर रस में लौंग, सोंठ और जायफल का 3 ग्राम चूर्ण मिलाकर, शहद डालकर सेवन करने से संग्रहणी रोग नष्ट हो जाता है।
अनार के दानों को कूटकर रस निकाल लेते हैं। इसके बाद उसमें जायफल, लौंग और सोंठ का थोड़ा-सा चूर्ण और शहद मिलाकर पीने से संग्रहणी रोग मिटता है। सूखे अनार के छिलकों को पीसकर उसमें पानी मिलाकर पीने से भी संग्रहणी का रोग दूर हो जाता है।
10 ग्राम अनारदाना, 2 ग्राम सोंठ, 2 ग्राम कालीमिर्च, 5 ग्राम मिश्री आदि सभी को कूट-पीसकर कपड़छन कर लें। इस प्राप्त चूर्ण का सेवन करने से संग्रहणी अतिसार के रोगी का रोग दूर हो जाता है।
20 से 40 मिलीलीटर अनार की छाल का काढ़ा सुबह-शाम सेवन करने से संग्रहणी अतिसार ठीक हो जाते हैं।
