मेरे मॉंगने से ज्यादा
मेरे मॉंगने से ज्यादा
मेरे सोचने से अच्छा
मैने पाई है आशीष यीशु से
मैं भटका हुआ मुसाफिर
मेरी राहों मे भी मुश्किल
मैने पाई मंजिल यीशु से
गैरो ने छोड़ा अपनो ने भी ठुकराया
वीरान थी जिन्दगी
आखों मे आँसू तन्हाईयो की राते
मुश्किल मे थी जिन्दगी।
तूने अपना लहू बहाया
गुनाहो को मेरे धोया
मैने पाई है माफी यीशु से।
मैं भटका हुआ …
जीवन यह मेरा है तेरे हवाले
तूने ही दी हर खुशी
जाऊं जंहा मै दूं तेरी गवाही
कितना अच्छा है तु मसीह
तूने बाहे है फैलाई
दे दी मुझको चंगाई
मैने पाई है शान्ति यीशु से
मै भटका हुआ …
