दयासागर

दयासागर

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दयासागर हे तु इश्वर अनुगह कर
यह समारोह को तु धन्य कर
गलील के काना जौसी
तयारी हे यहाँ भी
पानी दाखरस कर दी
रंग भर त यहाँ पर भी

जा
चंगा किया है, धन्य राजा