जीत

जीत

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सूली पर जो तूने किया
मेरा दाम लगाया , क़र्ज़ चूका दिया
हार से तबाह थी ज़िन्दगी
मेरी जय बनके तू आ गया

अब डर की कोई जगह ही नहीं येशु
सिर्फ तेरे प्यार में

तेरे मेरे बीच में
राह सिर्फ जीत है

दुश्मन का जब हुआ हमला
तू ने ढाल बन कर की सुरक्षा
पंखों में मुझे छुपा लिया
मेरा युद्ध तूने खुद ही लड़ लिए

मैं अब बना विजेता से बड़ा
तेरे बलिदान से

तेरे मेरे बीच में
राह सिर्फ जीत है

मेरी शर्म , मेरा गम , तूने खुद पे ले लिया
खुशियों से मुझे भर दिया
मेरा दिल ,मेरी जान , तुझ को चाहे सदा
है क्रूस मेरी जीत का निशाँ

तेरे मेरे बीच में
राह सिर्फ जीत है