क्रूस पर खास

क्रूस पर खास

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क्रूस पर खास, क्रूस कर खास
होगी मेरी नज़र।
जब तक मेरी रूह खुश हो
जाएगी आसमान पर।

यीशु रख सलीब के पास
मेरे प्यारे शाफी
गुनहगारों को वहाँ मिलती है मुआफी

क्रूस पर ख़ास में गुनहगार
प्यार को देख खुश हुआ
वहाँ दुःख मुसीबत में
मेरा मुंजी हुआ।

क्रूस के पास-ऐ-बर्रे पाक़
देखू तेरे दर्द को
चलूं जब मैं रोज़-ब-रोज़
पनाह तब सलीब हो