कब तक खुदा
कब तक खुदा मेरे कब तक-2
ऐ खुदा मुझपे इतना कहर ना दिखा
अब तो मुझपे रहम करके मैं मर चला
मुझको दे दे शिफ़ा-2
बेकरारी मेरी जान की बढ़ती रहेगी, ये कब…
ऐ खुदावंद, तू अब मेरी जान को छुड़ा
अपनी रहमत की खातिर से मुझको बचा
मर के कैसे करूंगा तुझे याद मैं
कब्र में शुक्र कैसे करूंगा अता
मैं तो करहाते-करहाते थक ही गया, और…
मेरे बिस्तर पे है आंसू की नमी
मेरी आंखें भी रो-रो के जाती रहीं
ऐ मेरे दुश्मनों, तुम ये सुन लो ज़रा
मेरे मालिक ने सुन ली मेरी दुआ
हैं वो दुश्मन मेरे बेकरार और शर्मिंदा
रहमत खुदा, तेरी रहमत
