ईश्वर की जय जयकार

ईश्वर की जय जयकार

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ईश्वर की जय जयकार !
उसकी है सीमा अपार
जिसने उठाया मेरा भार
जीवन की नाव कर दी किनार !

जीवन का उस से पानी मिले
सच्ची तस्सली रूह को मिले
दुनियाबी दुःख और ग्रम न मिले
जीवन की सारी आशिष मिले !

जब व में पापी, रूह वो बीमार
आया बचाने सुन के पुकार
तोड़ी गुनाह की उसने दिवार
जीवन में लाया मेरे बहार !