आयुर्वेदिक गुण धर्म एवं दोष कर्म
सौंफ़ का स्वाद में मधुर, कटु और तिक्त होता है।
रस (Taste) मधुर, कटु, तिक्त
गुण (Property) लघु, स्निग्ध
वीर्य (Potency) शीत (ठंडा)
विपाक (Metabolic Property) मधुर
दोष कर्म (Dosha Action) त्रिदोष शामक विशेषत: वात-पित शामक
आयुर्वेद के अनुसार, औषधि के रूप में सौंफ का उपयोग सभी तीनों दोषों त्रिदोष (वात, पित्त और कफ) को कम कर देता है। इसका स्वाद मीठा, कसैला और कड़वा होते है।
शरीर पर सौंफ का शीतलन प्रभाव पड़ता है। इसके पत्ते मुख में मीठा और कड़वा स्वाद देते हैं। आयुर्वेद सौंफ को न पकाने की सलाह देता है। पकाने से सौंफ के गुण मर जाते है, इसलिए इसे भिगोकर प्रयोग करें। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
