सुखदाई झरने से

सुखदाई झरने से

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सुखदाई झरने से...जीवन के जल को
भेज दो प्रभु (2)
और पिला दे तू

सहगान:
तू ही है मेरी चाहत... तू ही है मेरी मोहब्बत,
तेरे बिना कोई नहीं..
जीवन का झरना तू है...जीवन की रोटी तू है..
तेरे बिना कोई नहीं...कोई नहीं

श्लोक 2
भेज दो अपनी आत्मा, भेज दो अपना वचन,
भेज दो चंगाई.. भेज दो रिहाई
और भेज दो चुत्कारा...

पुल:
प्यासी आत्मा तृप्त हो जाये, दुःखित मन हर्षित हो यहाँ (2)

तू आरज़ू, तू हर खुशी, तू जिंदगी...कोई नहीं