सिर्फ मांगने नहीं

सिर्फ मांगने नहीं

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सिर्फ मांगने नहीं ,
सिर्फ लेने ही नहीं,
हम यहाँ पर आये है।
तेरे हाथो को नहीं
तेरे चहरे को ही
हम निहारने आये है
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धन्यवाद की भेट चढाने ,
स्तुति के गीतों को गाने
उपकारों को याद हम करने
चरणों में तेरे हम आये
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तेरी कुव्वत और जलाल से भर से हमे
यही दुआ हम लाये है
तेरी हुजूरी की ही जरुरत है हमें
और कुछ नहीं हम चाहते है
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