श्रिष्टि भी करती है

श्रिष्टि भी करती है

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श्रिष्टि भी करती है ,
तेरी महिमा का बखान।
आसमान झुक जाता है ,
येशु तू है महान।
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रेहम तूने मुझ पर भी है किया
तो फिर क्यों ना गाउँ मैं। .........
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तेरी महिमा के गीत मैं गाउँ सदा
तेरी महिमा के गीत मैं गाउँ सदा

Woah...Woah...Woah..[x2]

तूफान भी सुनते हैं ,
तेरा शब्द मेरे खुदा ,
तेरी सन्ना करते हैं
ये ज़मीन और आसमान।
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रेहम तूने मुझे पर भी है किया ,
तो फिर क्यों ना गाउँ मैं। .........
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तेरी महिमा के गीत मैं गाउँ सदा .....

Woah...Woah...Woah..