योग साधना में हल्दी के फायदे

योग साधना में हल्दी के फायदे

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इस धरती से जो भी चीज ली गई है, जिसमें आपका शरीर भी शामिल है, उस हर चीज में एक जड़ता होती है। इसलिए यह जरूरी है कि आप में इतनी सजगता हो कि आप इस जड़ता का स्तर कम से कम रख सकें। आपकी साधना काम कर रही है या नहीं, इसे मापने के लिए हम ये देखते हैं कि आप कितना सोते हैं और कितने सजग हैं। इन दोनो बातों से दरअसल हम यह देखते हैं कि आप कितनी जड़ता अपने भीतर पैदा कर रहे हैं। अगर आपका शरीर अपने भीतर की कोशिकाओं में एक खास स्तर तक की ऊर्जा को प्रवेश करने से रोकता है तो शरीर में जड़ता बढ़ती है। नीम और हल्दी का मिश्रण शरीर की कोशिकीय संरचना को इस तरह से फैलाता है, कि इसके हर दरार और छिद्र में ऊर्जा भर सके। नीम और हल्दी इस काम में भौतिक रूप से मदद करते है, जबकि साधना यही काम सूक्ष्म रूप से करती है।

आप साधना के अलावा दूसरे साधनों या तरीकों से भी अपने शरीर में भरपूर ऊर्जा पैदा कर लेते हैं, जैसे एक कप कडक़ कॉफी या निकोटिन आदि। लेकिन ये चीजें आपके तंत्र में कोशिकीय स्तर पर ऊर्जा के प्रवेश की गुंजाइश नहीं बनातीं।इससे तंत्र में ऊर्जा संचित नहीं हो पाती है कि उसे लंबे समय तक शरीर में संभाल कर रखा जा सके और जरुरत पडऩे पर खर्च किया जाए। यह ऊर्जा एकत्र होने की बजाय तुरंत अपनी अभिव्यक्ति का रास्ता ढूंढती है, और फिर यह विध्वंसकारी हो उठती है। यह न सिर्फ आपके शरीर, दिमाग, कामकाज व गतिविधियों पर असर डालती है, बल्कि आपके आसपास की दुनिया को भी प्रभावित करती है। जब हम अपने शरीर में ऊर्जा पैदा करते हैं तब हमारी कोशिश होनी चाहिए कि यह अपने आप ही शरीर से बाहर न निकले, बल्कि हम इसे संचित कर सकें और अपनी पसंद से जरुरत के मुताबिक खर्च कर सकें।

शहद युक्त हल्के गुनगुने पानी के साथ नीम और हल्दी का सेवन एक शानदार तरीके से कोशिकीय स्तर पर सफाई कर उन्हें खोलने का काम करता है, जिससे वे अपने भीतर अच्छी तरह से ऊर्जा अवशोषित कर सकें। जब आप साधना करते हैं तो कोशिकाओं का यह फैलाव आपकी मांसपेशियों में लोच लाता है। यह लोच धीरे-धीरे आपके तंत्र को एक शक्तिशाली संभावना के रूप में तैयार करता है। जब आप विभिन्न प्रकार के आसन करते हैं तो आपको इसका अहसास होता है कि उस समय आपका शरीर अलग तरह की ऊर्जा से खिल रहा है।