यीशु काफी है

यीशु काफी है

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जीवन दिया मेरे लिए
जी उठा साथ रहने के लिए
सदा वह मुझको ले चलता है
फिर से आता ले जाने के लिए

यीशु काफी है
सब समयों मे सब परिस्थितिऔ मे
मेरी ज़िंदगी मे
यीशु काफी है

शैतान की नाना परीक्षाओं में
कभी न पीछे मैं हटूँगा,
संसार और शरीर मुझे खींचते हैं
उनकी न सुनूँ, मैं आगे बढ़ूँगा

हरी चराइयों में बैठाता है
निर्मल सोते के पास ले चलता है
हर पल वह मुझको तृप्त करता है
मृत्यु की तराइयों में संभालता है