मेरे मालिक

मेरे मालिक

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मेरे मालिक मेरा है मुहाफ़िज़ तू . 2.
तेरे कदमों में बैठा मैं बैठा रहूँ

हाथ अपने उठाऊँ में सज़दा करूं . 2.
तेरे कदमों में बैठा में बैठा रहूं

देता अपनी तू रूह सभी को
जानता है सब की कमी को
हाथ पसारे पुकारे जो तुझको
देखे तू दिल की नमी को
आँसुओं को दुआ में बहाये
तेरे कदमों में बैठा मैं बैठा रहूं

टूटे दिल को तू हकीर न जाने . 2.
संग होकर तू इज्ज़त संवारे
उठती आंखें जो तेरे फ़ज़ल पर . 2.
अपने पंखों को तू उनपर पसारे
टूटे दिल को तू फिर से सजा दे
तेरे कदमों में बैठा में बैठा रहूं

ध्यान धर कर तू सुनता हमारी . 2.
हम्द ओ सन्ना हो महिमा तुम्हारी
हर पल तेरा ही है खुदावन्द . 2.
और हे सारी इज्ज़त तुम्हारी
तेरे नाम को लब पर सजाएं
तेरे कदमों में बैठा में बैठा रहूं