मेरे मन तु सदा
मेरे मन तु सदा कहता रहे
प्रभु ही धन्य है
दिल की गहराई से आराधना
उस पवित्र की करे
1. सूरज उगता है
एक नया दिन खिलता है
समय फिर है तेरे गीत गाने का
जहाँ पर मैं रहता और जहाँ से मैं गुजरता हूँ
दिन ढलने पर गाता रहूँ तेरे गीत
2. प्रेम में धनी और धीरज से भरा
तेरा नाम है महान करुणा मिधान
सारी भलाई के लिए मैं गाता हूँ तेरे गीत
हज़ार कारण ढूंढता दिल है मेरा
3. और उस दिन में जब मैं बलहीन जाऊँ
अंत करीब हो समय आ गया
फिर भी मेरा प्राण तेरी स्तुति गायें हरदम
कई हज़ार और हज़ारों साल
