मिलता है पर्याप्त फाइबर (रेशा)

मिलता है पर्याप्त फाइबर (रेशा)

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जब आपकी दादी मां आपसे कहती थीं कि मोटा अनाज या चोकरयुक्त आटा खूब खाओ तो वह फाइबर के बारे में बात करती थीं। और जब आप उनकी बात सुनकर अपने आहार में फाइबर की मात्रा बढ़ाते हैं तो आपको अत्यधिक लाभ मिलते हैं। फाइबर बहुत रूप में पाया जाता है। यही कारण है कि पौधों से उपजी हुई चीजें खाएं क्योंकि उसमें रेशा बना रहता है साथ ही कोई खास परिवर्तन नहीं होता है।

कुछ फाइबर बहुत सी सब्जियों में पाया जाता है तो कुछ गेहूं और जौ में पाया जाता है। इस कारण विभिन्न प्रकार के फाइबर में अलग-अलग बायोलॉजिकल प्रभाव होता है। लेकिन यह कोई सख्त नियम नहीं है कि हम अपने दैनिक आहार में कितना फाइबर सम्मिलित करें या हमें रोजाना कितना फाइबर लेना चाहिए। लेकिन बहुत से हेल्थ-केयर प्रोफेशनल्स इस बात से सहमत हैं कि हमें एक दिन में लगभग 20-25 ग्राम फाइबर लेना जरूरी है।

सोया से बना टेम्पेह उत्पाद आमतौर पर मांस के विकल्प के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है। अगर आप उसका औसत रूप में इस्तेमाल करती हैं तो आपको उससे लगभग 10 ग्राम रेशा प्राप्त होता है। यह प्रोडक्ट हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाले तत्व में प्रमुख है।