निकल पड़े

निकल पड़े

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एक ऐसी आग जलादे प्रभु (2)
जो तेरे धर्म और राज के खोज में (2)

निकल पड़े....... (4)

पौलुस की तरह लडूंगा मैं अपने आप से तेरे लिए (4)
क्योंकि विजय देने वाला है तू (4)

एक ऐसी आग जलादे प्रभु (2)
जो तेरे धर्म और राज के खोज में (2)

निकल पड़े....... (4)

खोजा मैं दुनिया में तुझको ,
मिला तू मुझको मुझमें। (4)
मेरा देह तेरा मंदिर है ,
जिस में है तू वास करता। (4)

एक ऐसी आग जलादे प्रभु (2)
जो तेरे धर्म और राज के खोज में (2)

निकल पड़े....... (4)