जलन (दाह), तृष्णा (प्यास), अजीर्ण (भूख का कम होना), अम्लपित्त्त (डायबिटीज) होने पर

जलन (दाह), तृष्णा (प्यास), अजीर्ण (भूख का कम होना), अम्लपित्त्त (डायबिटीज) होने पर

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"20 ग्राम बेल के पत्तों को 500 मिलीलीटर पानी में तीन घंटे तक भिगोकर रख लें। इस पानी को रोजाना 2-2 घंटे के बाद 20-20 ग्राम की मात्रा में रोगी को पिलाने से आन्तरिक जलन शांत होती है।
छाती में जलन हो तो 20 ग्राम बेल के पत्तों को पानी के साथ पीसकर और छानकर उसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर दिन में 3-4 बार रोगी को पिलाने से जलन में लाभ होता है।

10 ग्राम बेल के पत्तों के रस में 1-1 ग्राम कालीमिर्च और सेंधानमक मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करने पेट की जलन में लाभ होता है।"