खुद को मैं देता हूँ
खुद को मैं, देता हूँ
पूरे दिल से अर्पण करता हूँ
कुम्हार के हाथो मे
बर्तन समान
मुझको बनादे तू
मेरे प्रभु
(2)
मैं थक न जाऊं प्रभु
इस ज़िन्दगी में कभी
जब तक ये जान है प्रभु
संग तेरे रहना है
(2)
अनुग्रह दे , तेरी आत्मा से ,
ताकी बना रहू मैं सर्वदा।
(2)
आपनी जान दी है तुने ,
यीशु मैं तेरा हूँ ।
पीछे न हट जाऊं मैं ,
ऐसा दे सामर्थ प्रभु ।
(2)
उधार की घोषना करने ,
सामर्थ से मुझको तू भरदे प्रभु।
(2)
वचनो पर स्थिर रहूँ मैं ,
यीशु तेरे आने तक।
तुझसे लिपटा रहूँ मैं ,
यीशु तू काफ़ी मुझे।
(2)
खुद को मैं, देता हूँ
पूरे दिल से अर्पण करता हूँ
कुम्हार के हाथो मे
बर्तन समान
मुझको बनादे तू
मेरे प्रभु
(2)
मैं थक न जाऊं प्रभु
इस ज़िन्दगी में कभी
जब तक ये जान है प्रभु
संग तेरे रहना है
(2)
