 
            ऐ मेरे येशु ये मेरे लिए
 
                                                    ऐ मेरे येशु ये मेरे लिए
तेरा खून बहाने का शुक्रिया (2)
शूली पे अपनी जान देकर (2)
मेरी जान बचाने शुक्रिया
ऐ मेरे येशु ये मेरे लिए
तेरा खून बहाने का शुक्रिया (2)
ऐ मेरे येशु
वो राहे कितनी मुश्किल थी
तू रही बना जिन रहो का
तेरे कंधे पर जो शूली थी
वो बोझ था मेरे गुनाह का (2)
ऐ मेरे खुदा मेरे ज़िंदगी का
ये बोझ उठाने का शुक्रिया
ऐ मेरे येशु
मुजरिम की तराह मार खायी
तुझे क्या क्या दुनिया कहती रही
और येरूसालेम से कलवारी तक
तेरे खून की धारे बहती रही
इस हाल में कर्म की राह पर
तेरा चल कर जाने का शुक्रिया
ऐ मेरे येशु ये मेरे लिए
तेरा खून बहाने का शुक्रिया (2)
शूली पे अपनी जान देकर (2)
मेरी जान बचाने शुक्रिया
ऐ मेरे येशु ये मेरे लिए
तेरा खून बहाने का शुक्रिया (2)
ऐ मेरे येशु

 
                                            