आत्मा से

आत्मा से

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आत्मा से भरकर प्रभु ,
चरनो में तेरे आते है हम - x2
खाली दिलो का तोहफा ये अपना ,
तुझको भेट चढ़ाते है हम - x2

जीवन हमारा पापों में पढ़कर ,
बर्बाद होता ही जा रहा - x2
मेरे मसीहा कुर्बानी तेरी ,
क्यों भूलते ही जाते है हम - x2

खाली दिलो का तोहफा ये अपना ,
तुझको भेट चढ़ाते है हम - x2
आत्मा से भरकर प्रभु.......

आँखों में तुझको जब हम सजाते ,
पापों का पर्दा ये हट जाता है - x2
दिल में मसीहा जब तू है आता ,
तेरी ही खुश्बू फैलाते है हम - x2

खाली दिलो का तोहफा ये अपना ,
तुझको भेट चढ़ाते है हम - x2
आत्मा से भरकर प्रभु.......