 
            अपने आप को
 
                                                    अपने आप को, पहचान न सकी
पर तूने, पहचान लिया
पढ़ लिया तूने, ये ज़िन्दगी को
और बताया, मैं कौन हूँ
तुझसे ही है शुरू,
तुझ पर ही आके रुकूँ
जॉन तोह कहा, तेरे बिना येषु
क्या अहमियत मेरी, जब तुह न हो कभी
क्या कीमत है मेरी, ज़िन्दगी की
हूँ क्या मैं, कौन हूँ मैं
क्यूँ हूँ मैं
तेरी उत्कृष्ट कारीगरी, कहा तूने
मेरी उत्कृष्ट कारीगरी, कहा तूने
जिसे मैंने ही रचा,
जिसे खुद ही मैंने चुना
मेरे ही समान, बनाया तुझे
तेरी कीमत चुकाई है, तेति अहमियत, बढ़ गयी
तेरी ज़िन्दगी मेरी, अमानत बानी
अपने आप को, हुन पहचान रही
दर नहीं है मुझे, जो तुह साथ है
बदल दिया तूने, मेरे बीते कल को
है पठा अब मुझे, की मैं तेरी हुन येशुआ

 
                                            