अग्नि

अग्नि

bookmark

अग्नि -(x3) ,
तू उण्डेल
जो जुदा करे तुझसे उसे जला
अग्नि -(x3) ,
तू उंडेल मुझे करीब तेरे लेकर आ
बन जाऊँ मैं तेरा शुद्ध कर दे तू मुझे (x2)

1. मेरे अन्दर, शुद्ध मन को आज तू उत्पन्न कर
जो भी मैं कहूँ और जो करूँ हर दिन जीऊँ तेरे लिए
बन जाऊँ मैं तेरा, शुद्ध कर दे तू मुझे

2. एकचित मुझे कर दे प्रभु ताकि तेरा भय मैं मानूं
मेरा जीवन, मेरी हर बात पवित्र पवित्र हो
बन जाऊँ मैं तेरा शुद्ध कर दे तू मुझे