मुक्ति का नायक

मुक्ति का नायक

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मुक्ति का नायक वह
जय मुझे देता है
मुझ में वह जीवित हैं, कितना आनंद है -2.

में गाते-गाते रहूँगा
रोज़ नाचते-नाचते गाऊँगा

और दोड़ते-दौड़ते कहूंगा
मेरा यीशु ज़िन्दा है

वह प्रेम के अभिषेक से
चलाता है वह हरदम -2.

शैतान से जीतने के लिए
अधिकार दे दिया है

वह खोजते-खोजते आया
मुझे गले लगाया अपने -2.

मेरे पापों को क्षमा किया
नये सिर से मुझे बनाया