पेशाब करने में कष्ट होना (मूत्रकृच्छ)

पेशाब करने में कष्ट होना (मूत्रकृच्छ)

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"बेल के ताजे फल के गूदे को पीसकर दूध के साथ छानकर उसमें शीतल चीनी का चूर्ण छिड़ककर पिलाने से पुराना मूत्रकृच्छ्र (पेशाब में जलन) कम हो जाता है।

6 ग्राम बेल के कोमल ताजे पत्ते, 3 ग्राम सफेद जीरा और 6 ग्राम मिश्री को एक साथ पीसकर चूर्ण बनाकर सेवन करके ऊपर से पानी पीने से 6 दिन में ही पेशाब के सारे रोग दूर हो जाते हैं।

20-25 ग्राम बेल की जड़ को रात में पीसकर, 500 मिलीलीटर पानी में भिगोकर सुबह मसलकर और छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पीने से मूत्रजलन (पेशाब में जलन) ठीक हो जाती है।

25-25 ग्राम बेल की जड़, अमलतास की जड़ को पीसकर 500 मिलीलीटर पानी में पकायें। पकने पर 125 मिलीलीटर शेष रहने पर रोजाना सुबह सेवन करने से 3 में दिन में पूरा लाभ होता है।
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