न डरूंगा

न डरूंगा

bookmark

मेरा ये जीवन ,
तेरे हाथों में प्रभु
सौंप दिया है मैंने पूरी तरह
तू हे चलाएगा , इस जीवन को मेरे
तुझ पर ही है मेरा भरोसा
(x2)

अब न हिम्मत हारूंगा
न ही पीछे मुड़ूँगा
क्यूंकि तू मेरे साथ है खड़ा
(x2)

चाहे मैं घोर अंधकार की तराई से चलू
तो भी हानि से नहीं डरूंगा
चाहे मेरे पाँव गर कभी फिसल भी जाए तो प्रभु
मेरे हाथ को तू थमेगा सदा

ाधलोक के फाटक मुझ पर कभी न
प्रबल हो पाएंगे
(x4)

अब न हिम्मत हारूंगा
न ही पीछे मुड़ूँगा
क्यूंकि तू मेरे साथ है खड़ा
(x2)

चाहे मैं घोर अंधकार की तराई से चालू
तो भी हानि से नहीं डरूंगा
चाहे मेरे पाँव गर कभी फिसल भी जाए तो प्रभु
मेरे हाथ को तू थमेगा सदा