जब से मसीह

जब से मसीह

bookmark

जब से मसीह मुझको मिला …. 2.
पाया मैं चाहा था जो
ऐसी खुशी मुझको मिली ..2.
कोई ख्वाहिश न बाकी रही

तेरा ही नाम पुकारा था मैंने
तुझको ही पल-पल सराहा था मैंने
तुने सुनी हर इलतीज़ा
पाया मैंने चाहा था जो

जीवन ये मेरा तेरा हुआ
तन मन तुझको अर्पण किया
आँसू मेरे फिर न बहे
पाया मैंने चाहा था जो