चाक पर

चाक पर

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चाक पर अपनी रख मुझे , रूप अपना येशु दे मुझे
जलाल का अपने बर्तन बना
आकार दे अपने हाथो से , तेरी मर्जी हो पूरी मुझसे
एक ऐसी मसक मुझको बना
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फरियाद ये तुझसे खुदा , मुझको उठा , मुझको बना
फरियाद ये तुझसे खुदा , मुझको उठा , मुझको बना

भरदे रूह से , अपनी सामर्थ से
पंखो में अपने छुपा
मिट्टी में जान हूँ , मुझको उठाले , हाथो से अपने बना
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बिगड़ न जाऊं , बिखर न जाऊं में
तेरे हाथो में ही रहेना चाहूँ में
दुनिया की भीड़ में , कहीं खो न जाऊं में
किसी भीड़ में कुचलना जाऊं में
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अपने साये में मुझको छुपा ,
अपने हाथो से मुझको सजा
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भरदे रूह से अपनी सामर्थ से
पंखो में अपने छुपा
मिट्टी में जान हूँ , मुझको उठाले , आँखों से अपना बना
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मेहफ़ूज़ हु में तेरे, साये में खुदा
तेरा हाथ में कभी न छोडूंगा
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अपने साये में मुझको छुपा ,
अपने हाथो से मुझको सजा
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और भरदे रूह से , अपने सामर्थ से, पंखो में अपने छुपा
मिट्टी में जान हूँ , मुझको उठाले , हाथो से अपना बना