आत्मा की

आत्मा की

bookmark

आत्मा की हवा यहॉ है

आत्मा की आवाज़ यहॉ है

कुछ होने पर है,

नया होने पर है

अदभुत यहॉ‌ं होने पर है

कुछ नहीं था जब सुनसान थी ये घरती

बेडौल अंघेरां में डूबी

बहॉ‌ं आ ठहरा पभु का आत्मा

सुन्दर थह सृष्टि बन गई

टूटा हुआ जो वह फिर से बनाएगा

विलाप को तेरे वह हर्ष में बदलेगा

उदासी को वह आनन्द से भरेगा