अंधेरे

अंधेरे

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अंधेरे में हम रुके थे
न उम्मीद , न रोशनी
जब तू स्वर्ग से दौड़े आया
आँखों में दया दिखी
व्यवस्था , भविष्यवाणी
से कुँवारी को आया शब्द
महिमा के सिंघासन
मिट्टी में लिया जनम

स्तुति होवे पिता की
पुत्र ,आत्मा ,त्रि-एक ही
गौरवशाली , तेजस्वी
राजाओं के राजा की

आनेवाला राज दिखाने
खोये हुवों का समाधान
सारी श्रिस्टी को छुड़ाने
क्रूस का न किया इनकार
दर्द सहने में भी तूने
देखा महिमा के पार
जानकर तारण है हमारा
येशु हमारे लिए मरा

स्तुति होवे ......

जिस सुबह तू जी उठा था
स्वर्ग की सांसें थम गयी
पथ्थर कब्र का हटा कर
मौत पर मेमने की जीत
मुर्दे कब्र में से ज़िंदा
फ़रिश्ते दंग रह गए
सभी आत्माएं जो आयी
पिता से संवर गये

जन्मी है कलीसिया
अब पाकर आत्मा की आग
तेरे सत्य का प्रचार
न झुके न रुकेगा
उस लहू और उसके नाम में
मिली हमको आज़ादी
येशु मसीह की महोब्बत
ने दी पुनर -ज़िन्दगी

स्तुति होवे पिता की
पुत्र ,आत्मा ,त्रि-एक ही
गौरवशाली , तेजस्वी
राजाओं के राजा की