 
            येशु मुक्ति मार्ग है
 
                                                    येशु मुक्ति मार्ग है, येशु है उद्धार
अंधकार से तार दे, येशु नाम पुकार।
एक बात मन में रहे, प्रभु या जग का प्यार,
दोनों संग न रह सकें, सूरज और अंधकार।
धन से प्रेम न कीजिए, सब लुट जाएगा,
स्वर्ग में जोड़ी संपत्ति, चोर न खाएगा।
माया नगरी छोड़ के, जाना है उस पार,
जो भटका-भटका रहा, कभी न पाया सार।
जिसको सच्चा सुख मिल जाए,
वो झूठे की ओर न जाए।
जग के ऐसे गोरख धंधे,
अंधों को हाँकें हैं अंधे।
रूप सँवारा, अंग सजाया,
अंत समय कुछ काम न आया।
जिसने जीवन अमृत चखा,
उस ख़ातिर जग में क्या रखा?
लाखों को न्योता मिला, पर थोड़े ही आए,
रोटी उसके हाथ की, कोई विरला ही खाए।
येशु मुक्ति मार्ग है!

 
                                            