मक़सद

मक़सद

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क्या है जीने का मक़सद
क्यूँ में जिन्दा यहाँ
सोचती हूँ में अक्सर
मेरी मंजिल है कहाँ

मेरी मंजिल है क्या दुनिया ,
मेरी मंजिल है क्या पैसा
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येशु आया जिंदगी में
जीने का मक़सद बदल गया
बदल गया
राहें मंजिल दिखा के तूने
प्रभु मुझे छुड़ा लिया
बचा लिया
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जब मे पाप में था
तोभी तूने चाहा मुझे
मेरे लिए जान को देकर
दिया नया जीवन मुझे
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मेरी मंजिल है न पैसा
मेरी मंजिल है न दुनिया
मेरी मंजिल है वो खुदा
मेरी मंजिल है येशुआ ...

येशु आया जिंदगी में
जीने का मक़सद बदल गया
बदल गया
राहें मंजिल दिखा के तूने
प्रभु मुझे छुड़ा लिया
बचा लिया